दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती

E 125. योग-वेदान्त। समदर्शन और समवर्तन। गीता 6.29-30


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*योग सहायक है वेदान्तका। योग अभ्यासका विषय है वेदान्त विचार का। हां, विचारका अभ्यास अथवा ब्रह्माभ्यास कह सकते हैं।
*वेदान्त का स्वाराज्य क्या है? महाराजका अर्थ क्या है? .....
*समदर्शन यह है कि घडा़ सकोरा इत्यादि सब मिट्टी है। किन्तु व्यवहार में घडे़ और सकोरे का उपयोग यथायोग्य अलग अलग करना होगा।
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दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वतीBy Sadashiva Brahmendranand Saraswati