पृथ्वीलोकको हम लोग मृत्युलोक कहते हैं वह सापेक्ष है। वस्तुतः ब्रह्मा विष्णु इत्यादि का लोक भी मृत्युलोक है क्योंकि उनकाभी नाश होता है।
विभिन्न सृष्टियों के कालमान अलग अलग हैं। योगवासिष्ठ में बहुत विशद और रोचक कथा है - लीलोपाख्यान। उसमें श्रीदेवी अपनी उपासिकाको पल भर में भूत और भविष्यके विभिन्न जन्मों और ब्रह्माण्डों का अनुभव करा देती हैं। प्रयागराज पहुंचने के समयानुसार उसका संक्षेपण करके बतायेंगे।