इस एपिसोड में -
*ब्रह्माजी एवं केतकी पुष्पको शिवजीका शाप एवं वरदान।
भैरव द्वारा ब्रह्माजीका शिर कटवाने के उपरान्त शिवजी ने ब्रह्माको यह शाप भी दिया कि तुम्हारी पूजा नहीं होगी। केतकी पुष्पको भी अपनी पूजामें निषिद्ध किया।
*शिवरात्रि का नामकरण।
* ब्रह्मभाव शिवजीका निष्कल रूप है और महेश्वरभाव सकल रूप है।