*सुषुम्णा नाडी़ चलने के समय अधिक एकाग्रता बनती है।
*स्वर परिवर्तन के समय अल्पकाल के लिये सुषुम्णा चलती है।
*इडा़ (बायां स्वर) चलने के समय स्थाई कार्यों का आरम्भ करें, कम शारीरिक श्रम वाले कार्य करें, शान्तिपूर्वक किये जाने वाले और स्थाई निर्णय लिये जाने वाले विषयों पर विचार करें।
*पिंगला (दायां स्वर) चलने के समय शारीरिक श्रम वाले कार्य आरम्भ करें, यात्रा हेतु प्रस्थान करें।
*सुषुम्णा (समान स्वर) के समय ध्यान उपासना और योगाभ्यास इत्यादि करें।
*स्वर बदलने के उपाय।