*चित्त को स्थिर करने के विभिन्न उपायों का पुनरीक्षण।
*गुरु और इष्ट का ध्यान।
*चित्तनिरोध की 11 विधियां। यह सब एक साथ भी कर सकते हैं अथवा अपनी यग्यतानुसार क्रमशः अथवा वैकल्पिक रूप से भी।
*साधनपाद - क्रियायोग की भूमिका। भगवद्गीता का क्रियायोग।
*पातञ्जल योगसूत्र की स्वरूपस्थिति और भगवद्गीता की स्थितप्रज्ञता।