*स्वकर्मणा तमभ्यर्चन् सिद्धिं विन्दति मानवः।अपने धर्मके पालन से ही स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।
*कीट का उत्तरोत्तर श्रेष्ठतर योनियों में जन्म लेते हुये पक्षी पशु शूद्र वैश्य क्षत्रिय और अन्तमें ब्राह्मण होकर मुक्त होने की कथा (भाग -2).
*स्वकर्म का पालन ही भगवान् की सबसे बडी़ पूजा है। इसी से स्वर्ग वैकुण्ठ अथवा मोक्ष की प्राप्ति होती है।