दोस्तों, इस कहानी में यह बताने का प्रयास किया गया है कि हमारे शब्द, हमारी जिह्वा हमारे लिए शत्रु अथवा मित्र का निर्धारण कर देती हैं। यदि हम मीठा बोलें, तो बिगड़ते काम भी ठीक होने लगते हैं।
दोस्तों, इस कहानी में यह बताने का प्रयास किया गया है कि हमारे शब्द, हमारी जिह्वा हमारे लिए शत्रु अथवा मित्र का निर्धारण कर देती हैं। यदि हम मीठा बोलें, तो बिगड़ते काम भी ठीक होने लगते हैं।