एक दिन की बात है मै घर के पास बीच पर घूम रहा था मेरा पैर एक ऊँची उठी हुई किसी चीज पर पढ़ा मैंने देखा वह एक किसी पुरुष का पर्स था
वह बहुत ही सुन्दर भूरे रंग का लेस वाला पर्स था शायद किसी की जेब से गिर गया था मैने उसे तुरंत उठाया और खोल कर देखा उसमे केवल 150 रूपये थे और एक मैला कुचला सा लिफाफा था
उस पर्स के मालिक के एड्रेस का पता करने के लिए मैंने वह लिफाफा खोला उसमे एक पत्र था मैंने देखा वह सुन्दर लिखावट से लिखा गया बहुत ही सुन्दर सा गुलाबी रंग का लैटर पेड था और उसमे 1980 की डेट थी वह लगभग 40 साल पहले लिखा गया लैटर था
उसमे उलटे हाथ पर कोने में सुन्दर लिखावट के साथ लिखा गया था "डिअर जॉन" कृपा यह लैटर माइकेल को दे देना और उनसे कहना की मै उनसे अब नहीं मिल पाऊँगी क्यूंकि मेरी माँ को मेरा उनसे मिलना पसंद नहीं
पर मै हमेसा उनसे प्यार करती रहूंगी और अंत में हान्ना के नाम से सिग्नेचर किये हुए थे
यह एक सुंदर पत्र था, लेकिन माइकल नाम के अलावा कोई रास्ता नहीं था, जिसे से की उसके मालिक की पहचान की जा सके।
हाँ उसमे भेजने वाले का एड्रेस जरूर लिखा था जो मेरे घर से बहुत दूर था
मैंने सोचा की क्यूँ न टेलीफ़ोन डायरेक्टरी से नंबर देखूं मैंने लैंडलाइन से टेलीफोन ऑपरेटर से बात की और उस एड्रेस पर बात करनी है क्या आप मेरी बात करवा सकते हैं
ऑपरेटर ने चेक किया और पाया की उस एड्रेस पर एक लैंडलाइन नंबर रजिस्टर था ऑपरेटर ने कहा, एक शिष्टाचार के रूप में, वह उस नंबर पर कॉल करेगी, मेरी कहानी बताएगी और उनसे पूछेगी कि क्या वे आपसे बात करना चाहते हैं। परन्तु मुझे उस एड्रेस पर रजिस्टर टेलीफोन नंबर नहीं दे सकती मुझे इसपर कोई अप्पति नहीं थी
मैंने कुछ मिनट इंतजार किया और फिर वह टेलीफोन ऑपरेटर वापस लाइन पर आई और मेरी उस नंबर पर बात कराइ
दूसरे और एक महिला थी मैंने पूछा कि क्या वह हन्ना के नाम से किसी को जानती है। वह हांफते हुए बोली, “ओह! हमने तो यह घरलगभग 30 साल पहले एक परिवार से खरीदा था, जिनकी एक बेटी थी हान्ना ।
"क्या आप जानते हैं कि वह परिवार अब कहाँ रहता है?" मैंने पूछा।
"मुझे याद है कि कुछ साल पहले हन्ना को अपनी माँ को एक नर्सिंग होम में रखना पड़ा था," महिला ने कहा। "हो सकता है कि अगर आप उनके संपर्क में आए तो हान्ना को ट्रैक सकते हैं।"
उसने मुझे नर्सिंग होम का नाम दिया और मैंने नंबर पर कॉल किया। उन्होंने मुझे बताया कि कुछ साल पहले उस बुढ़ि महिला का निधन हो गया था परन्तु उनके पास हान्ना जहाँ रहती है उस जगह का नंबर है उसने मुझे वह नंबर दिया और मैंने उसपर कॉल किया यह भी एक नर्सिंग होम का नंबर था
मैंने उस नंबर पर कॉल किया हालाँकि मुझे यह अब बेवकूफी लग रही थी की 150 रुपे और एक लैटर जो ४० साल पुराना था के लिए मैं वो सब कुछ कर रहा हूँ
तभी मेरी कॉल कनेक्ट हुई और फोन का जवाब देने वाले व्यक्ति ने मुझसे कहा, "हां, हान्ना हमारे साथ रह रही है।"
एक अच्छी बात यह थी की वह नर्सिंग होम मेरे घर से १० मिनट की दूरी पर था
हालांकि अब रात के 9.30 बजे थे , मैंने पूछा कि क्या मैं उनसे मिलने के लिए आ सकता हूं। "ठीक है," उसने झिझकते हुए कहा, शायद हान्ना अभी कॉमन रूम में टीवी देख रही होंगी
मैंने उस व्यक्ति को धन्यवाद दिया और नर्सिंग होम चला गया। नाईट ड्यूटी पर रहने वाली नर्स और एक गार्ड ने दरवाजे पर मेरा अभिवादन किया। हम उस बड़ी इमारत की तीसरी मंजिल पर गए। कॉमन रूम में, नर्स ने मुझे हान्ना से मिलवाया।
वह प्यारी सी चांदी की बालों के साथ मधुर मुस्कान वाली महिला थी उनकी आँखों में आज भी चमक थी । मैंने उसे बटुए के मिलने के बारे में बताया
उन्होंने गहरी सांस ली और बताया यह लैटर मैंने jhon को दिया था माइकल को देने के लिए और jhon ने उसे माइकल को दे दिया था
वह एक पल के लिए गहरी सोच में डूबी दिखी
और फिर से बोली, “मैं उससे बहुत प्यार करती थी।
लेकिन मैं उस समय केवल २१ साल की थी और मेरी मां को लगा कि मैं बहुत छोटी हूं।
वह बहुत सुंदर थे एक अभिनेता की तरह लगते थे। ”
"हाँ,"
उसने जारी रखा। “माइकल गोल्डस्टीन एक अद्भुत व्यक्ति थे।
मैं उनके बारे में अक्सर सोचति हूं। और, "वह एक पल के लिए झिझकी, लगभग अपने होंठ काटते हुए," उसे बताया कि मैं अभी भी उससे प्यार करती हूं।
यदि आप उन्हें ढूंढना चाहती हैं , तो बताएं मैंने पुछा
क्या तुम्हें उनका पता है, हान्ना ने पुछा और बोला जब तुम्हे वे मिलें तो उन्हें बोलना
" उसकी आँखों में आँसू बहने लगे," मैंने कभी शादी नहीं की। क्यूंकि कि कोई भी माइकल जैसा मिला ह