अमृता प्रीतम को जितनी बार सुना या पढ़ा जाए एक नया सा एहसास करा जाती हैं। उनकी लेखनी ज़मीन से जुड़ी हुई है और जीवन के पहलुओं को खोलती है। अमृता प्रीतम की इस कविता 'एक मुलाकात' में उन्होंने उम्र के एक पड़ाव पर इमरोज़ से होने वाली मुलाकात का ज़िक्र किया है।