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आज बात करते हैं, उन्ही emotional triggers की।आपने ख़ुद को कभी ऐसी situationमें पाया है जब आप कोई ऐसी चीज़ कर देते हैं, या बात कह देते हैं जो आपको नहीं कहनी चाहिए या करनी चाहिए थी? कई बार हमें पता होता है की हमरा रवैया सही नहीं है और हमें इसके लिए कुछ करना चाहिए मगर हमारी ज़िंदगी auto-pilot mode पर चल रही होती है। दिन आते हैं, दिन बीत जाते हैं, हम हर उन मौक़ों पर ख़ुद को बदलने के बारे में सोचते हैं और फिर बात वही की वही राह जाती है। मगर अगर आप वाक़ई ख़ुद में बदलाव की अपेक्षा करते हैं तो फिर इंतज़ार किस बात का? चलिए आजसे से शुरू कीजिए। उन auto-pilot mode पर चल रहे व्यवहार को कैसे बदले: पहला, आपके सामने फिर ऐसी ही कोई situationआयी जो आपके लिए trigger का काम करती है। आप एक बार फिर अपने ग़ुस्से पर नियंत्रण नहि रख पाए। तो ऐसी situation में, उसे realize करें और अगली बार उसे सुधारने का प्रयास करें। इसी कि continuation में आपके सामने दोबारा वैसी ही situation आयी जैसे पहले भी आयी थी और आपने ख़ुद को सुधारने का वादा किया था। इस बार जैसे ही आपको ये realize हो की आप ख़ुद पर से control loose कर रहे हैं, वही पर ख़ुद को रोक ले। See you are getting better! इस बार आपने बाद में realize नहीं किया और अगली बार का इंतज़ार नहीं किया। अब जब आपको ख़ुद पर नियंत्रण रखना धीरे धीरे आ रहा है तब आपको वो triggers भी समझ में आने लगे हैं। तो ऐसी कोई situation आए उसके पहले ही उसको अपने control में लें ले। जिसे हम “ग़ुस्सा पी जाना” भी कहते हैं। Congratulations आपने ख़ुद के emotional triggers पर control पाना सीख लिया। See it is not that hard। My social media handles: Twitter: alpana_deo, Instagram: alpanabapat and Facebook: mothersgurukul . आप मेरे blogs www.mothersgurukul.com पर पढ़ सकते हैं। आप मुझे अपने feedback, suggestions [email protected] पर भी भेज सकते हैं।
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आज बात करते हैं, उन्ही emotional triggers की।आपने ख़ुद को कभी ऐसी situationमें पाया है जब आप कोई ऐसी चीज़ कर देते हैं, या बात कह देते हैं जो आपको नहीं कहनी चाहिए या करनी चाहिए थी? कई बार हमें पता होता है की हमरा रवैया सही नहीं है और हमें इसके लिए कुछ करना चाहिए मगर हमारी ज़िंदगी auto-pilot mode पर चल रही होती है। दिन आते हैं, दिन बीत जाते हैं, हम हर उन मौक़ों पर ख़ुद को बदलने के बारे में सोचते हैं और फिर बात वही की वही राह जाती है। मगर अगर आप वाक़ई ख़ुद में बदलाव की अपेक्षा करते हैं तो फिर इंतज़ार किस बात का? चलिए आजसे से शुरू कीजिए। उन auto-pilot mode पर चल रहे व्यवहार को कैसे बदले: पहला, आपके सामने फिर ऐसी ही कोई situationआयी जो आपके लिए trigger का काम करती है। आप एक बार फिर अपने ग़ुस्से पर नियंत्रण नहि रख पाए। तो ऐसी situation में, उसे realize करें और अगली बार उसे सुधारने का प्रयास करें। इसी कि continuation में आपके सामने दोबारा वैसी ही situation आयी जैसे पहले भी आयी थी और आपने ख़ुद को सुधारने का वादा किया था। इस बार जैसे ही आपको ये realize हो की आप ख़ुद पर से control loose कर रहे हैं, वही पर ख़ुद को रोक ले। See you are getting better! इस बार आपने बाद में realize नहीं किया और अगली बार का इंतज़ार नहीं किया। अब जब आपको ख़ुद पर नियंत्रण रखना धीरे धीरे आ रहा है तब आपको वो triggers भी समझ में आने लगे हैं। तो ऐसी कोई situation आए उसके पहले ही उसको अपने control में लें ले। जिसे हम “ग़ुस्सा पी जाना” भी कहते हैं। Congratulations आपने ख़ुद के emotional triggers पर control पाना सीख लिया। See it is not that hard। My social media handles: Twitter: alpana_deo, Instagram: alpanabapat and Facebook: mothersgurukul . आप मेरे blogs www.mothersgurukul.com पर पढ़ सकते हैं। आप मुझे अपने feedback, suggestions [email protected] पर भी भेज सकते हैं।