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रागिनी की बार-बार समझाने के बाद तन्वी खाना खाकर सो जाती है थोड़ी देर बाद रेनू सीमा के पास जाती है और उससे कहती है कि तू ऐसा क्यों कर रही है तू तो तन्वी से बहुत ज्यादा प्यार करती है रेणु की बातें सुनने के बाद सीमा रहती है मैं जो कर रही हूं उसमें तन्वी की भलाई है सालों पहले उसे खोते खोते बची हूं मैं दोबारा उसे खोना फिर नहीं चाहूंगी वह आए दिन किसी न किसी से झगड़ा करती रहती है और अगल बगल के लोग तन्वी के बारे में कैसी-कैसी बातें करते हैं आपको पता है ना लोग अपने बच्चों को तन्वी के साथ नहीं भेजते हैं क्योंकि डरते हैं कि उनके भी बच्चे तन्वी के जैसे गुंडे ना बन जाए ,मुझे अब यह सब बर्दाश्त नहीं हो रहा है और मैं नहीं चाहती कि तन्वी रागिनी को मेरी बीमारी के बारे में पता चले बस यही वजह है जिसके वजह से मैं चाह रही हूं कि तन्वी काशी से दूर जाए और आप मेरा साथ दें ना की रागनी और तन्वी का क्योंकि मैं जो कर रही हूं वह सही है गलत नहीं और,मैं तन्वी की भलाई ही चाहूंगी |
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By Audio Pitara by Channel176 Productionsरागिनी की बार-बार समझाने के बाद तन्वी खाना खाकर सो जाती है थोड़ी देर बाद रेनू सीमा के पास जाती है और उससे कहती है कि तू ऐसा क्यों कर रही है तू तो तन्वी से बहुत ज्यादा प्यार करती है रेणु की बातें सुनने के बाद सीमा रहती है मैं जो कर रही हूं उसमें तन्वी की भलाई है सालों पहले उसे खोते खोते बची हूं मैं दोबारा उसे खोना फिर नहीं चाहूंगी वह आए दिन किसी न किसी से झगड़ा करती रहती है और अगल बगल के लोग तन्वी के बारे में कैसी-कैसी बातें करते हैं आपको पता है ना लोग अपने बच्चों को तन्वी के साथ नहीं भेजते हैं क्योंकि डरते हैं कि उनके भी बच्चे तन्वी के जैसे गुंडे ना बन जाए ,मुझे अब यह सब बर्दाश्त नहीं हो रहा है और मैं नहीं चाहती कि तन्वी रागिनी को मेरी बीमारी के बारे में पता चले बस यही वजह है जिसके वजह से मैं चाह रही हूं कि तन्वी काशी से दूर जाए और आप मेरा साथ दें ना की रागनी और तन्वी का क्योंकि मैं जो कर रही हूं वह सही है गलत नहीं और,मैं तन्वी की भलाई ही चाहूंगी |
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