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तोरणगढ को जितने के बाद वहाँ उस किले पर अपना गढ बनाने के बाद स्वराज्य की ओर विजयी भागदौड़ शुरू हो गई।
छत्रपति शिवाजी महाराज और मावले एक एक करके सभी महत्वपूर्ण गढ तथा किलों पर अपना वर्चस्व बनाने लगे।
और इसी भागदौड़ में स्वराज्य के लिए महाराज और मावलों को स्वकीय शत्रुओं से लढकर उनका निपटारा करना पडा।
इस एपिसोड नंबर ०७ में मैंने आपको यही बताना चाहा हैं कि किस तरह से रही छत्रपति शिवाजी महाराज और मावलों कि स्वकीय शत्रुओं से भिडन्त।
तो इस भिडन्त के बारे में अधिक जानकारी के लिए सुनिए Audio Pitara पर इतिहास की छवी इस पोडकास्ट के पहले सत्र का एपिसोड ०७ क्योंकि सुनना ज़रूरी है।
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By Audio Pitara by Channel176 Productionsतोरणगढ को जितने के बाद वहाँ उस किले पर अपना गढ बनाने के बाद स्वराज्य की ओर विजयी भागदौड़ शुरू हो गई।
छत्रपति शिवाजी महाराज और मावले एक एक करके सभी महत्वपूर्ण गढ तथा किलों पर अपना वर्चस्व बनाने लगे।
और इसी भागदौड़ में स्वराज्य के लिए महाराज और मावलों को स्वकीय शत्रुओं से लढकर उनका निपटारा करना पडा।
इस एपिसोड नंबर ०७ में मैंने आपको यही बताना चाहा हैं कि किस तरह से रही छत्रपति शिवाजी महाराज और मावलों कि स्वकीय शत्रुओं से भिडन्त।
तो इस भिडन्त के बारे में अधिक जानकारी के लिए सुनिए Audio Pitara पर इतिहास की छवी इस पोडकास्ट के पहले सत्र का एपिसोड ०७ क्योंकि सुनना ज़रूरी है।
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