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रागिनी तन्वी के पास जाते हुए कहती है कि एक बात बोलूं तन्वी तू मानेगी क्या रागिनी को ऐसा बोलना देख तन्वी रहती आप बोलो मैं ना मानो ऐसा हो सकता है क्या आप मेरी फेवरेट वन हो मैं आपकी सारी बातें मानूंगी, तन्वी की बातें सुनने के बाद रागनी कहती कि आज मेरे साथ मंदिर चलेगी ,मेरा बहुत मन कर रहा है रागिनी की यह बात सुनते ही तन्वी रहती है कि पर मेरा मन नहीं कर रहा है मंदिर जाने का ,तन्वी से ऐसा जवाब पाने के बाद रागनी उदास हो जाती है और कहती है कि तू मेरे लिए किसी को पीट सकती है पर मेरे लिए मंदिर नहीं जा सकती है, उसके बाद तन्वी कहती है अच्छा ठीक है मैं आपके साथ मंदिर चल रही हूं बस उदास मत हो आप क्योंकि आप उदास अच्छी नहीं लगती हो, इस पर रागिनी रहती है कि उदास तू भी अच्छी नहीं लगती है ।
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