नारायण। सत्संग में समय समय पर इस बात का स्मरण करते कराते रहना चाहिये कि वेदान्तश्रवण का अधिकारी कौन है, वेदान्तमें प्रवेश हेतु मूलभूत योग्यता क्या है।वेदान्तप्रक्रियामें इसकी चर्चा करते हुये साधन चतुष्टय को उद्धृत किया जाता है। आचार्य शङ्कर भगवत्पादकृत दो ग्रन्थों तत्वबोधः और विवेकचूडा़मणि में इसका विशेष उल्लेख है।