गुड़िया और शानू ने घडी देखने के साथ - साथ असल में समय देखना सीखा. समय का क्या महत्व है? ये उन्होंने बखूबी जाना है . क्यूंकि जब भी वे अपने पापा जी के साथ टाइम स्पेंड करना चाहते हैं वे नहीं कर पाते हैं . पापा जी के पास घड़ी नहीं है और वे सही वक़्त पर उनसे मिल नहीं पाते हैं . कभी वे जल्दी सो जाते तो, कभी पापाजी जल्दी चले जाते है .इसकी चिंता इन दोनो नन्हे बच्चो को है. अपने किताब कोपियों में कटोती कर गुडिया और शानू सुरेश के लिए एक घड़ी खरीदते हैं. पर वक़्त का खेल देखिये वो घड़ी सुरेश के बर्थडे से पहले ही चोरी हो जाती है. बड़े लोग अपने दुख को किसी तरह भूना भी लेते हैं. पर बच्चों पर इसका असर कभी - कभी ऐसा हो जाता है जिसका उत्तर दूर -दूर तक नहीं मिलता है. अब घड़ी को वापस लाने के लिए गुड़िया और शानू क्या करते है. जानने के लिए सुनते रहिये, किसलय की कहानियाँ ... किसलय के साथ . --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kislaya-kindam/message