मैं अरु मोर तोर तैं माया। यह सामान्य मनुष्यका व्यवहार है। इसमें समस्त स्थूल विषय सम्मिलित हैं। स्थूल से सूक्ष्म की ओर जाते हुये स्वप्नको सूक्ष्म बताते हैं।
*देहमें मन है अथवा मनमें देह है? मनमें आकाश है अथवा आकाशमें मन है? *जब स्वप्नको ठीकसे समझ लेंगे तो जाग्रत भी ठीकसे समझमें आ जायेगा। स्वप्नको समझ लेने पर समझमें आ जायेगा कि जाग्रत भी स्वप्न है। सत हरि भजन जगत सब सपना।