दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती

एपिसोड 139. योग-वेदान्त। सुषुप्ति। माण्डूक्य मंत्र 5 में "यत्र" (जहां) का अर्थ


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माण्डूक्य के अनुसार "यत्र" स्थान और दशा या अवस्था दोनोंका बोधक है। योगसूत्र के अनुसार अवस्था का बोधक है।
*सुषुप्ति का स्थान हृदय, स्वप्नका कण्ठ जाग्रतका नेत्र।
*Time Space and Mater
*प्रत्येक इन्द्रिय से केवल एक एक विषयका ज्ञान होता है, मनसे सभी विषयों का। कोई भी इन्द्रिय किसी दूसरी इन्द्रिय के विषय का ज्ञान नहीं कराती। मन सभी इन्द्रियोंमें संयुक्त है।
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दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वतीBy Sadashiva Brahmendranand Saraswati