दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती

एपिसोड 528. अपरोक्षानुभूतिः 17. आत्मानात्मविवेक।तत्वबोधः 27-32- पंचीकरण सिद्धान्त।


Listen Later

एपिसोड 528. *अपरोक्षानुभूतिः 17. आत्मानात्मविवेकः। *तत्वबोधः 27-32।* *पञ्चीकरण सिद्धान्त। *शरीरनिर्माण की प्रक्रिया। *पांचों ज्ञानेन्द्रियों की उत्पत्ति क्रमशः एक एक अपञ्चीकृत महाभूत के सात्विक अंश से और पांचों कर्मेन्द्रियों की उत्पत्ति क्रमशः एक एक अपञ्चीकृत महाभूत के राजस अंश से होती है। अपञ्चीकृत पञ्चमहाभूतों के समष्टि सात्विक अंश से अन्तःकरण (मन बुद्धि चित्त अहंकार)उत्पन्न होता है और अपञ्चीकृत पञ्चमहाभूतों के समष्टि राजस अंश से पांचों प्राण उत्पन्न होते हैं। *पञ्चीकरण सिद्धान्त एवं प्रक्रिया - पांचों महाभूतों के अपने अपने जो तामस अंश हैं उनका पञ्चीकरण अर्थात् एक निश्चित अनुपात में परस्पर आदान प्रदान होकर सम्मिलन हता है। वह अनुपात ऐसा होता है कि प्रत्येक महाभूत स्वयंका आधा भाग अपने पास सुरक्षित रखते हुये आधे के चार भाग करके अन्य चार महाभूतों में बांट देता है। पञ्चीकृत होकर वे स्थूल हो जाते हैं।
...more
View all episodesView all episodes
Download on the App Store

दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वतीBy Sadashiva Brahmendranand Saraswati