एपिसोड 551. मानस, बाल, 45-46 । *याज्ञवल्क्य से भरद्वाज का प्रश्न - जो दशरथ पुत्र राम पत्नीवियोग में मूढ़ हो गये थे और जिन्होने क्रोधमें आकर रावण और उसके कुल का संहार कर दिया क्या यह वही राम हैं जिनका त्रिपुरारि शंकरजी निरन्तर जप करते हैं और जिनके नाम के प्रभाव से काशी में मरने वाले सभी जीवों को मोक्ष प्रदान कर देते हैं ?*भरद्वाज-याज्ञवल्क्य संवाद का समय - फाल्गुन मास।किन्तु, कितने वर्ष पूर्व संवाद हुआ था, ज्ञात नहीं। *इतने बडे़ संशय का निवारण लौकिक साक्ष्यों से नहीं हो सकता। याज्ञवल्क्यजी वेद उपनिषद के मर्मज्ञ हैं , अतः वे ही इस संशयका निवारण कर सकते हैं। *संशय का अर्थ। *त्रिपुरारि का अर्थ। *वाल्मीकीय रामायण से संशय दूर न होने का कारण।