देवीप्रणव "ह्रीं" की संक्षिप्त व्याख्या। विस्तृत व्याख्या के लिये पातञ्जल योगसूत्र प्रवचन श्रृंखला में "तस्य वाचकः प्रणवः" की व्याख्या के क्रम में माण्डूक्य उपनिषद पर आधारित प्रणव की व्याख्या सुनें। आगे भगवद्गीता वाली श्रृंखला में भी पुनः व्याख्या कर देंगे। प्रसिद्ध प्रणव की व्याख्या देवीप्रणव पर भी यथावत् प्रयुक्त होती है।