दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती

एपिसोड 624.भगवद्गीता,2/67-69


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*इन्द्रियों के प्रति सदा सतर्क रहना चाहिये।इन्द्रियनिग्रह के विना ज्ञाननिष्ठा नहीं हो सकती।
*एक इन्द्रिय के विचलित होने पर अन्य सभी चञ्चल हो जाती हैं।
*महाबाहु और वीर शब्द का अर्थ।
*"या निशा सर्वभूतानां तस्यां जागर्ति संयमी।
यस्यां जाग्रति भूतानि सा निशा पश्यतो मुनेः।।" में निशा और सोने जागने का तात्पर्य ।
*मोहनिशा सब सोवनिहारा।
देखहिं सपन अनेक प्रकारा।।
एहि जग जामिनि जागहिं जोगी।
परमारथी प्रपंच बियोगी ।।
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दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वतीBy Sadashiva Brahmendranand Saraswati