दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती

एपिसोड 657. भगवद्गीता, समाजशास्त्र और धर्मशास्त्र की दृष्टिसे अवतारका उद्देश्य


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मोक्षशास्त्र की दृष्टि भगवान् के अवतार का उद्देश्य है - जीवके दुःख की आत्यन्तिक निवृत्ति। समाजशास्त्र और धर्मशास्त्र की दृष्टिसे अवतारका उद्देश्य मुख्य उद्देश्य है - ब्राह्मणत्व की रक्षा। ब्राह्मणत्व की रक्षा होने से ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र सब की रक्षा स्वतः हो जायेगी।
*भगवान् का अर्थ।
*जीव और ईश्वर में भेद।
*माया, मूल प्रकृति और अविद्या का अर्थ।
*ईश्वर के देह धारण करने में माया ही उनकी सहायिका है - "सम्भवाम्यात्ममायया"।
*मधुसूदन सरस्वती कृत मंगलाचरण।
*गीताका उद्देश्य है - दुःखसे अन्तिम रूप से छुटकारा - अर्थात् दुःख जाकर दुबारा न आये।
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दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वतीBy Sadashiva Brahmendranand Saraswati