एपिसोड 687.
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति।
द्वादश ज्योतिर्लिंगों की गणना में सोमनाथ का प्रथम और मल्लिकार्जुन का दूसरा स्थान है।
*नाम का अर्थ - मल्लिका पार्वतीजी का नाम है और अर्जुन = शिवजी का। मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग इन्ही दोनों का समन्वित रूप है ।
*उत्पत्ति - पृथिवीकी परिक्रमा करने की शर्त पूरी करने के लिये कार्तिकेय जी पृथिवी की परिक्रमा कर रहे थे। इधर गणेशजी ने माता-पिता की परिक्रमा कर शर्त जीत लिया और गणेश जी का विवाह हो गया। कार्तिकेय जी लौटकर कैलास पर आये तो नारदजी ने उन्हे यह समाचार सुनाया। इसे सुनकर कार्तिकेयजी माता-पिता के मनाने पर भी अप्रसन्न होकर क्रौञ्च पर्वत पर चले गये। शिव-पार्वती ने मनाने के लिये ऋषियोंको भेजा किन्तु नहीं माने। तब शिव-पार्वती स्वयं क्रौञ्च पर्वत पर गये। उन्हे आते हुये जानकर कार्तिकेय जी क्रौञ्च पर्वत छोड़कर दूर चले गये। तब शिव-पार्वती ज्योतिरूप में वहीं विराजमान हो गये। तबसे प्रत्येक अमावस्या को शिवजी और प्रत्येक पूर्णिमा को पार्वतीजी वहां जाते हैं।