इस एपिसोड से स्पष्ट होता है कि कश्मीर के भारत में विलय की परिस्थितियों में नेहरू क्या कर रहे थे और पटेल क्या कर रहे थे। इस मुहीम में दोनों की भूमिकाएं क्या थी। वे उस काम को करने के लिए अपना सब कुछ होम कर देते है और बाद में आलोचना करने वाले बड़ी आसानी से यह कह देते है कि ऐसा नहीं है, ऐसा चाहिए था।