भारतवर्ष का दिगंबर जैन तीर्थ स्थल जहां वर्तमान अवसर्पिणी के आठवे तीर्थंकर भगवान चंद्रप्रभु के समवशरण की रचना और नंग अनंग कुमार सहित साढ़े पाँच करोड़ मुनियों की निर्वाण स्थली के रूप में प्रतिष्ठित प्राचीन "सुवर्णागिरी" वर्तमान में सिद्ध क्षेत्र "सोनागिरी" का इतिहास