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'सती समस्त ब्रह्माण्ड में अंततः पुरुष और प्रकृति ही हैं। मैं पुरुष हूं और आप प्रकृति का प्रतिनिधित्व करती हैं। पुरुष सिद्धांत है, निरपेक्ष, अव्यक्त, अनैच्छिक और निष्क्रिय है तो प्रकृति, दृष्टिशील, जीवनदायिनी, तथा सृष्टि और सृजन की शक्ति है।'
'सती समस्त ब्रह्माण्ड में अंततः पुरुष और प्रकृति ही हैं। मैं पुरुष हूं और आप प्रकृति का प्रतिनिधित्व करती हैं। पुरुष सिद्धांत है, निरपेक्ष, अव्यक्त, अनैच्छिक और निष्क्रिय है तो प्रकृति, दृष्टिशील, जीवनदायिनी, तथा सृष्टि और सृजन की शक्ति है।'