इसे तुम कविता नहीं कह सकते (#poetry)

Episode 41 - Magic


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टाटा मैजिक की पिछली सीट पर बैठा वो शख़्स कुछ बेसाख्ता बुदबुदाए जा रहा था। अब वो प्रार्थना थी या गाली, मैं कह नहीं सकता। उसकी आँखें वहशत से भरी थी। जो दिन बिताया था उसका डर उन आँखों में दिख रहा था, या आने वाले कल का, कहा नहीं जा सकता।
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इसे तुम कविता नहीं कह सकते (#poetry)By Lokesh Gulyani