इसे तुम कविता नहीं कह सकते (#poetry)

Episode 47 - The Anti Social


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कई बार बहुत छोटा लगता है, जब मैं अपना सिर उठा कर आकाश की ओर ताकता हूं। लगता है इतनी बड़ी कायनात में मैं कहां खड़ा हूं? इस बात की कोई महत्ता भी है?
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इसे तुम कविता नहीं कह सकते (#poetry)By Lokesh Gulyani