Misra

Episode 5 - कभी-कभी सोचता हूँ


Listen Later

कभी-कभी सोचता हूँ, कि उन दो बाहों के सिवा, जिनमे एक ख़्वाब, एक उम्मीद, थोड़ा सा जिस्म, थोड़ी सी नींद, एक भरोसा, और एक दिल समा जाए उससे ज़्यादा क़ीमती और नायाब क्या हो सकता है।
...more
View all episodesView all episodes
Download on the App Store

MisraBy Pranav Misra