
Sign up to save your podcasts
Or


साधक की पहचान उसके तिलक से होती है ।
वह वही तिलक धारण करता है जो उसके गुरु-द्वारा प्रदत्त है, जो उसकी समस्त गुरु परम्परा धारण करती हैं ।
तो क्या आप गुरु-परम्परा द्वारा प्रदत्त तिलक ग्रहण करते हैं ?
क्या गुरु द्वारा प्रदत्त तिलक बदल देना चाहिए ?
By SRI SRI 108 SHACHINANDAN JI MAHARAJसाधक की पहचान उसके तिलक से होती है ।
वह वही तिलक धारण करता है जो उसके गुरु-द्वारा प्रदत्त है, जो उसकी समस्त गुरु परम्परा धारण करती हैं ।
तो क्या आप गुरु-परम्परा द्वारा प्रदत्त तिलक ग्रहण करते हैं ?
क्या गुरु द्वारा प्रदत्त तिलक बदल देना चाहिए ?