गुरु गोविंद का जन्म 22 दिसंबर सन 1666 में बिहार के पटना में हुआ था। इस दिन पौष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी थी। गुरु गोविंद जी के पिता का नाम गुरु तेग बहादुर और माता का नाम गुजरी था। गुरु जी को बाल्यावस्था में गोविंद कहकर पुकारा जाता था।
गुरु गोविंद सिंह के अनमोल विचार
सत्कर्म कर्म के द्वारा सच्चा गुरु प्राप्त होता है और गुरु के मार्गदर्शन से भगवान मिलते हैं। हमें महान सुख और स्थायी शांति तभी प्राप्त हो सकती है जब हम अपने भीतर से स्वार्थ को समाप्त कर देते हैं।अपने द्वारा किये गए अच्छे कर्मों से ही आप ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं। अच्छे कर्म करने वालों की ईश्वर सदैव सहायता करता है। किसी भी व्यक्ति की चुगली और निंदा करने से बचें और किसी से ईर्ष्या करने के बजाय अपने कर्म पर ध्यान दें। ईश्वर ने हमें इसलिए जन्म दिया हैं, ताकि हम संसार में अच्छे काम करें और बुराइयों को दूर करें। एक सुंदर जीवन के लिए आहार और व्यायाम ही काफी नहीं है, बल्कि गरीब और बेसहारा लोगों की सेवा भी जरूरी है। मनुष्य अनंत जीवन का एक भाग है इस जीवन का कोई अंत नहीं है। इसे अपने कर्मों से सुंदर बनाएं। घर आये अतिथि, दिव्यांग, जरूरतमंद और दुखी व्यक्तियों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहें। अच्छे कर्मों से ही आप ईश्वर को पा सकते हैं। अच्छे कर्म करने वालों की ही ईश्वर मदद करता है।