केन्द्रीय विद्यालय दक्षिण कमान पुस्तकालय पुणे

हिन्दी पखवाड़ा अन्तर्गत एक पुस्तक की आत्मकथा


Listen Later

एक पुस्तक की आत्मकथा:मैं पुस्तक हूं। मुझे तो आप पहचानते ही होंगे, बिल्कुल, क्यों नहीं !! मैं अपने अस्तित्व को कैसे परिभाषित करूं ? अगर आप पुस्तक शब्द का अर्थ देखें, तो वह होगा –“हाथ से लिखी हुई पोथी”, पर यह परिभाषा समय द्वारा सीमित हो गई है, क्योंकि आज के आधुनिक दौर में पुस्तकें हाथ से नहीं लिखी जाती है, अथवा मशीनों द्वारा ही प्रिंट होती है।

...more
View all episodesView all episodes
Download on the App Store

केन्द्रीय विद्यालय दक्षिण कमान पुस्तकालय पुणेBy Sucheta Chandanshive