Bas Kuchh Din Aur

हम


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शोर से भरी सड़क पे तुम मेरा हाथ ऐसे छीन लेती हो
जैसे किसी जनम तुमसे मुझको कोई छीन लिया हो।
जैसे किसी माली को बगीचे से निकाल दिया गया हो
जैसे किसी फूल को तोड़के कुचल दिया गया हो।
ये जो हम हसकर मिल रहे हैँ
किसी जनम बड़ा रो कर बिछड़े होंगे।
आख़िरी सास तक होके बिछड़े होंगे
किसी जनम बड़ा रो कर बिछड़े होंगे।
🤝 jitendrayart
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Bas Kuchh Din AurBy Jitendra Yadav