आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि अत्तर या इत्र और परफ्यूम बनाने का भारत में एक लंबा इतिहास रहा है, पश्चिमी दुनिया से बहुत पहले जहां यह एक हालिया घटना थी। ऐसे साहित्यिक और पुरातात्विक साक्ष्य उप्लब्ध हैं जो साबित करते हैं कि इत्र बनाने की कला सिंधु घाटी सभ्यता में भी मौजूद थी। गंधीकनामा या परफ्यूमर्स कॉपर स्टैम्प 200 ईसा पूर्व कौशाम्बी में पाया गया था। उत्तर प्रदेश का एक जिला कन्नौज उन लोगों के लिए अत्तर की मांग को पूरा कर रहा है जो कई सदियों से स्वदेशी जैविक उत्पादों में विश्वास करते हैं। कन्नौज का सबसे पुराना ज्ञात नाम 'महोदया श्री' है जिसका अर्थ भव्यता और समृद्धि है।
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