
Sign up to save your podcasts
Or


27 नवंबर 1977 को मुंबई में जन्मे गीत चतुर्वेदी को हिंदी के सबसे ज़्यादा पढ़े जाने वाले समकालीन लेखकों में से एक माना जाता है। वह नित प्रयोगधर्मी लेखन करते हैं, इसलिए उन्हें सम्मान से 'अवां-गार्द' (अपनी विधा में सदैव अग्रणी रहने वाला) लेखक कहा जाता है। उनकी ग्यारह किताबें प्रकाशित हैं, जिनमें दो कहानी-संग्रह और तीन कविता-संग्रह शामिल हैं। ‘न्यूनतम मैं’ और ‘ख़ुशियों के गुप्तचर’ हिंदी की बेस्टसेलर सूचियों में शामिल रहीं। साहित्य, सिनेमा व संगीत पर लिखे उनके निबंधों के संग्रह ‘टेबल लैम्प’ और ‘अधूरी चीज़ों का देवता’ हैं। वह गीतकार, पटकथाकार, आलोचक और स्तम्भकार के रूप में भी सक्रिय हैं।
अनुवाचन- आनन्द
By AANAND KUSHWAHA27 नवंबर 1977 को मुंबई में जन्मे गीत चतुर्वेदी को हिंदी के सबसे ज़्यादा पढ़े जाने वाले समकालीन लेखकों में से एक माना जाता है। वह नित प्रयोगधर्मी लेखन करते हैं, इसलिए उन्हें सम्मान से 'अवां-गार्द' (अपनी विधा में सदैव अग्रणी रहने वाला) लेखक कहा जाता है। उनकी ग्यारह किताबें प्रकाशित हैं, जिनमें दो कहानी-संग्रह और तीन कविता-संग्रह शामिल हैं। ‘न्यूनतम मैं’ और ‘ख़ुशियों के गुप्तचर’ हिंदी की बेस्टसेलर सूचियों में शामिल रहीं। साहित्य, सिनेमा व संगीत पर लिखे उनके निबंधों के संग्रह ‘टेबल लैम्प’ और ‘अधूरी चीज़ों का देवता’ हैं। वह गीतकार, पटकथाकार, आलोचक और स्तम्भकार के रूप में भी सक्रिय हैं।
अनुवाचन- आनन्द