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कोई भी आविष्कार किसी ना किसी आविष्कारक के मन की उपज होती है। उस वस्तु की कला कृति पहले कारीगार या अविष्कारक के मन मंदिर में उपजता है फिर उसका मूर्त रूप कारीगार की मेहनत के अनुरुप सबके सामने आता है। मनुष्य के जीवन का भी यही गणित है, विचार पहले मन में जन्म लेता है फिर व्यवहारों के द्वारा जीवन में प्रदर्शित होता है और मनुष्य का जीवन भी वैसा ही हो जाता है।
Click below to go to the blog
जैसा मन वैसा जीवन
लेखक: प्रेम कुमार
Website: Story In Hindi
By Prem Kumarकोई भी आविष्कार किसी ना किसी आविष्कारक के मन की उपज होती है। उस वस्तु की कला कृति पहले कारीगार या अविष्कारक के मन मंदिर में उपजता है फिर उसका मूर्त रूप कारीगार की मेहनत के अनुरुप सबके सामने आता है। मनुष्य के जीवन का भी यही गणित है, विचार पहले मन में जन्म लेता है फिर व्यवहारों के द्वारा जीवन में प्रदर्शित होता है और मनुष्य का जीवन भी वैसा ही हो जाता है।
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जैसा मन वैसा जीवन
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