जब हम अपनी पसंद और क्षमता के अनुसार काम करते हैं, तो सब कुछ आसानी से चलता है। लेकिन अगर हम गलत काम या गलत माहौल में होते हैं, तो तनाव और असंतोष होता है। जैसे पेट्रोल और डीजल या पानी और बिजली की असंगति से समस्याएं पैदा होती हैं, वैसे ही हमारी असली पहचान और काम के बीच का मेल हमारी खुशहाली और सफलता तय करता है। सही काम और सही जगह पर होने पर हम न सिर्फ जीवित रहते हैं, बल्कि पूरी तरह से फलते-फूलते हैं।