कुछ अनकही कुछ अनसुनी आनन्द की जुबानी

जिंदगी कुछ अनकही


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परेशानी कितनी भी हो मानव उबर ही जाता है, जितनी बड़ी आफत,उतना बड़ा साहस। "तिमिर घना होगा,तमा लंबी होगी,
मगर तमस से विहान रुका है क्या?"
अर्थात।
"अंधकार घना होगा, रात लंबी होगी,
परन्तु अंधेरे से कभी सवेरा रूका है क्या?"
ऐसे ही कुछ विचार कविता के रुप में आनन्द
की कलम से
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कुछ अनकही कुछ अनसुनी आनन्द की जुबानीBy anand kumar