समुद्र से उत्पन्न हुआ एक असुर जिसने अपनी तपस्या की शक्ति से देवताओं को भी झुका दिया. 'जलंधर' नाम के इस असुर की शक्ति इतनी प्रबल थी कि स्वयं इंद्र भी भयभीत हो गए. लेकिन जब उसने शिव से टकराने की भूल की, तब हुआ वह युद्ध, जिसे धर्म और अधर्म का निर्णायक बिंदु माना गया. कैसे विष्णु ने निभाई एक मायावी भूमिका? कैसे जलंधर के पतन का कारण बना उसका ही घमंड और क्यों शिव को स्वयं उठाना पड़ा तांडव का मार्ग? सुनिए ‘देव दानव’ की इस कड़ी में.