"खुद को जानो,खुद को बदलो और खुद का माफ करो।" आइए जानते हैं कि किस प्रकार सकारात्मक जीवन जिया जा सकता है जीवन में मंजिल तक पहुंचने से पहले प्रयास करके ही रास्ता बनाया जाता हैं अगर गलती के डर से प्रयास नहीं करते हैं तो मंजिल मिलना मुमकिन नहीं। परेशानी तो इतनी है ही नहीं जितनी सोच सोच कर बड़ा ली जाती हैं "स्वयं को अपनाओ" अपने आप को स्वीकार करो। तुलना " ईर्ष्या" में कब बदल जाती है ? बड़े फैसलों से दूरियां नहीं आती, छोटी - छोटी बातों को नजरअंदाज करना ही वज़ह । आइए जानते हैं जया किशोरी जी द्वारा की कैसे जीवन में सब ठीक है।