शिव तथा सती के ऐक्य का प्रतीक है। शिव पुराण के अध्याय 38 में भी द्वादश ज्योर्तिलिंग की जो चर्चा की गई है, उसमें बैद्यनाथं चिताभूमौ का उल्लेख है। जो यह स्पष्ट करता है कि यहाँ सती का हृदय गिरा था। यहाँ की शक्ति 'जयदुर्गा' तथा शिव 'वैद्यनाथ' हैं। यह धाम सभी ज्योतिर्लिंगों से सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस स्थान पर ज्योतिर्लिंग के साथ शक्तिपीठ भी मौजूद है। इसी कारण से इस स्थान को ह्रदय पीठ या हार्द पीठ के नाम से भी जाना जाता है। जहां पर मंदिर स्थित है उस स्थान को देवघर यानी देवताओं का घर कहा गया है। बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग कामना लिंग के नाम से भी विख्यात है। मान्यता है कि यहां आने वाले हर भक्त की मनोकामना विल्वपत्र के साथ जलार्पण से ही पूरी हो जाती है।
Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices