Pranshu Kehta hai

जय हिन्द । बलिदान : प्रांशु kehta है


Listen Later

यह कविता हमारे देश के सैंकड़ों सैनिकों को श्रृंधांजलि देने की सोच और उनके परिवारों को नमन करने के लिए लिखी गई थी । उनके परिवार किस स्थिति का सामना करते हैं हम उसका अनुमान भी नहीं लगा सकते । यह कविता एक ऐसे ही परिवार के साहस और रुतबे को दर्शाती है जिनका एक पुत्र अभी शहीद हुआ है और उनका पोता दुनिया में पहला कदम रख रहा है । आप अपने विचार हमे अवश्य बताएँ । Do share your views with us.
...more
View all episodesView all episodes
Download on the App Store

Pranshu Kehta haiBy Pranshu Mehta