बरखा की ख़बर लेने के कई पारंपरिक तरीक़ों में एक है हवा की जाँच करना. जयपुर की वेधशाला जंतर मंतर में सैकड़ों सालों से लगातार हर साल ज्योतिषी परीक्षण करते हैं. आषाढ शुक्ल चतुर्दशी युक्त पूर्णिमा यानी वायु धारिणी पूर्णिमा पर इस बार भी यही किया गया. इस दौरान सम्राट यंत्र पर ध्वज की दिशा से वायु की दिशा देखी गयी. हवा पूर्व से पश्चिम की ओर बही, जिसके ज्योतिषियों ने खंड वृष्टि यानि रुक रुक कर बारिश का योग बताया। कैसे होता है ये वायु परीक्षण जानते हैं माधुरी से.