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कृष्णपुरम के मेले में कोकिला दी का मधुर गाना सुनकर केंगेरी कण्णन ने ठान लिया कि वे भी गाना सीखेंगे। कोकिला दी के कहे अनुसार, रोज़ रियाज़ करने के बाद, क्या केंगेरी गाना सीख पाए?
निधि गुप्ता द्वारा लिखित।
कवर आर्ट कोलकाता के हमारे 6 वर्षीय मित्र और श्रोता, उजन चटर्जी ने बनायी है। केंगेरी कण्णन की आवाज़ नमित चतुर्वेदी ने दी है। कोकिला दी के बंगाली लोकगीतों को स्वर और संगीत दिया है हमारी प्रिय दोस्त रिद्धिता चटर्जी ने। नमित चतुर्वेदी द्वारा हिंदी में अनुवादित।
By Hosted by Nidhi and Gautamकृष्णपुरम के मेले में कोकिला दी का मधुर गाना सुनकर केंगेरी कण्णन ने ठान लिया कि वे भी गाना सीखेंगे। कोकिला दी के कहे अनुसार, रोज़ रियाज़ करने के बाद, क्या केंगेरी गाना सीख पाए?
निधि गुप्ता द्वारा लिखित।
कवर आर्ट कोलकाता के हमारे 6 वर्षीय मित्र और श्रोता, उजन चटर्जी ने बनायी है। केंगेरी कण्णन की आवाज़ नमित चतुर्वेदी ने दी है। कोकिला दी के बंगाली लोकगीतों को स्वर और संगीत दिया है हमारी प्रिय दोस्त रिद्धिता चटर्जी ने। नमित चतुर्वेदी द्वारा हिंदी में अनुवादित।