खुशमिजाज लोग आनंद व उद्देश्य में संतुलन रखते हैं
जीवन के सबसे बड़े विरोधाभासों में से एक यह है कि इंसान को संतुष्टि मिलती है, जब वह जोखिमों से भरा, असहज और कभी-कभी बुरा लगने वाले काम भी सफलतापूर्वक कर लेता है। 48 देशों के दस हजार से ज्यादा लोगों से बात करने के बाद मनोविशेषज्ञ इड डायनर और उरबाना इस नतीजे पर पहुंचे कि दुनिया के किसी भी कोने में लोगों को सबसे ज्यादा किसी एक चीज की तलाश है, तो वो है खुशी... मतलब जीवन में आनंद, उद्देश्य और संतुष्टि।
शोध-अध्ययनों से निष्कर्ष निकला कि आनंद से भरे हुए लोग उम्मीदों से विपरीत ऐसी आदतों को जीवन में अपनाते हैं, जो हमें दूर से देखने पर कठिन या दुखदायी लगती हैं। पहला है जोखिमलेना। सफल लोगों को लगता है कि खुशी सिर्फ मनपसंद काम करने में नहीं है, बल्कि अपना कंफर्ट जोन छोड़कर कुछ पाने में है। 2007 के एक अध्ययन में 21 दिन कुछ लोगों पर नजर रखी गई। जो लोग निरंतर जोखिम लेते हुए कुछ नया सीख रहे थे, वे अपेक्षाकृत रूप से ज्यादा खुश
थे। किसी चीज को न जानने वाली स्थिति खीझ उत्पन्न कर सकती है, लेकिन जब आप सीखने का मन बना लेते हैं, तो ये खुशी की वजह भी बन जाती है। इसके लिए उत्सुकता बेहद जरूरी है।
हमेशा मुस्कराते रहने वाले. खुशमिजाज लोगों के बारे में आम राय होती है कि ऐसे लोग धरातल पर नहीं जीते। पर असल में ऐसे लोग जीवन उलटफेर पर बहुत ज्यादा चिंतित नहीं होते। उनके लिए हर फीलिंग एक सौ होती है। किसी में बहुत ज्यादा खुसी या बहुत ज्यादा दुख नहीं होता। ऐसे लोग हर भावना के लिए बराबर समय निकालते हैं। खुश लोग अपने जीवन में आनंद और उद्देश्यका संतुलन बनाए रखते हैं।