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ख़ूबसूरती और बद्सूरती एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, दोनों का अपना -अपना अस्तित्व और खासियत है, बस!देखने का नज़रिया इसमें भेद कर जाता है।
इसी फ़लसफ़े को बयां करती है श्रीमति नीता कोहली लिखित कहानी
"ख़ूबसूरती बनाम बद्सूरती"
ख़ूबसूरती और बद्सूरती एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, दोनों का अपना -अपना अस्तित्व और खासियत है, बस!देखने का नज़रिया इसमें भेद कर जाता है।
इसी फ़लसफ़े को बयां करती है श्रीमति नीता कोहली लिखित कहानी
"ख़ूबसूरती बनाम बद्सूरती"