MicInkMusafir (Amitbhanu): Voices, Verses, & Voyages

KIRAYE KA CHAND(HINDI POEM)


Listen Later

KIRAYE KA CHAND(HINDI POEM)
किराए का चाँद
कड़वे घूँट हैं होते सच के,
मिला के झूठ पिए जा,
चाँद किराए पर ले के,
अपने ख़्वाब जिए जा!
क्या रक्खा है पछताने में,
भूल हुई क्या कभी ना पहले,
क्षत हृदय के अरमानों को,
हाथों हाथ लिए जा!
चल की चाँद बुलाए तुमको,
तारे ना भरमाएँ तुमको,
जहाँ ना सोए सूरज एक पल,
अपनी राह किए जा!
कल जिसकी कल सोच रहा था,
वो ही है आया बनके आज,
उठ जा फिर से ले अंगड़ाई,
अब तो ना फिर कल पे टाल!
बीते पल के दोष ना गिन,
मरते पल ज़िंदा किए जा,
चाँद किराए पर ले के,
अपने ख़्वाब जिए जा!
...more
View all episodesView all episodes
Download on the App Store

MicInkMusafir (Amitbhanu): Voices, Verses, & VoyagesBy MicInkMusafir (Amitbhanu)