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स्वामी विवेकानंद कहते हैं की जोखिम उठाए। यदि आप जीत जाते हैं तो आप नेतृत्व कर सकते हैं, और यदि आप हार जाते हैं तो आप मर्गदर्शन कर सकते हैं।
कुछ नया सीखने के लिए, आगे बढ़ने के लिए जोखिम उठाना भी ज़रूरी होता है।इस वक़्त मन में थोड़ा सा डर होता है, मगर, उससे ज़्यादा उस नए कार्य को करनी की excitementहोती है। जहाँ risk है वहाँ कहीं ना कहीं डर होता है। उस डर का level काम या ज़्यादा हो सकता है मगर अक्सर risk के साथ डर को इसलिए जोड़ दिया जाता है क्योंकि हम उस कार्य की कठिनाई से ज़्यादा उसके परिणाम से डरते हैं।
आज बात करते हैं risk या जोखिम के विषय पर और कैसे हम इसपर कैसे मात करके नयी चुनौतियों को स्वीकार कर सकते हैं।
You can follow me at:
Facebook: MothersGurukul
Twitter: alpana_deo
Instagram: alpanabapat
Blog: Mothers Gurukul
Email: [email protected]
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कुछ नया सीखने के लिए, आगे बढ़ने के लिए जोखिम उठाना भी ज़रूरी होता है।इस वक़्त मन में थोड़ा सा डर होता है, मगर, उससे ज़्यादा उस नए कार्य को करनी की excitementहोती है। जहाँ risk है वहाँ कहीं ना कहीं डर होता है। उस डर का level काम या ज़्यादा हो सकता है मगर अक्सर risk के साथ डर को इसलिए जोड़ दिया जाता है क्योंकि हम उस कार्य की कठिनाई से ज़्यादा उसके परिणाम से डरते हैं।
आज बात करते हैं risk या जोखिम के विषय पर और कैसे हम इसपर कैसे मात करके नयी चुनौतियों को स्वीकार कर सकते हैं।
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