कुछ अनजान लोग कब दोस्त बन जाते है, पता ही नहीं चलता, ये कविता लिखी है दीपा सदाना गेरा जी ने, आवाज मेरी है और मीठा अनुरोध देहरादून गर्ल्स गैंग से मेरी दोस्त किरण जी का,,,,
कुछ अनजान लोग कब दोस्त बन जाते है, पता ही नहीं चलता, ये कविता लिखी है दीपा सदाना गेरा जी ने, आवाज मेरी है और मीठा अनुरोध देहरादून गर्ल्स गैंग से मेरी दोस्त किरण जी का,,,,