कवि रणविजय सिंह सत्यकेतु की यह कविता देश में चल रहे किसान आंदोलन को समर्पित है।किसानों की व्यथा और नीति निर्माताओं की बेरुखी का हृदयस्पर्शी चित्रण करती रचना।
कवि रणविजय सिंह सत्यकेतु की यह कविता देश में चल रहे किसान आंदोलन को समर्पित है।किसानों की व्यथा और नीति निर्माताओं की बेरुखी का हृदयस्पर्शी चित्रण करती रचना।